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जो बोलचाल में आ गए इंटरनेट के शब्द

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डिजीटल मीडिया का एक प्रमुख अंग इंटरनेट आज युवाओं और बच्चों से लेकर तो हर उम्र के लोगों की अहम जरूरत बन गया है, तो फिर इस चीज की अपनी एक शब्दावली और भाषा भी है। यही भाषा जो हमारी मूल भाषाओं के साथ मिश्रित होकर कुछ हमसे ले रही है और कुछ हमें दे रही है, यानी अब डिजीटल मीडिया की शब्दावली हमारे काम में हमारी हर गतिविधि में जगह बना चुकी है और हम अब उन शब्दों को इस्तेमाल करने ही लगे हैं। टॉम चैटफील्ट ने अपनी नई किताब नेटोमोलॉजी में नए शब्दों के पीछे डिजिटल दुनिया की कहानियों के बारे में बताया है। वह तकनीकी शब्दों की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए शुरू से ही दीवाने रहे हैं। उन्होंने इंटरनेट के कुछ शब्दों को चुना है जिनका बोलचाल में प्रयोग होने लगा है। जानते हैं इन्हीं में से कुछ शब्दों के बारे में।

1. अवतार : यह शब्द डिजिटल मीडिया में कहां से आया यह रहस्य ही है। हालांकि, इसका मूल संस्कृत भाषा के शब्द अवतार से मिलता है, जिसका अर्थ है स्वर्ग से ईश्वर के वंशजों का धरती पर प्रकट होना। यह शब्द 18वीं सदी के अंत में हिंदी से अंग्रेजी भाषा में आया। मगर, 1992 में नील स्टीफेंनसंस द्वारा लिखे नॉवेल स्नो क्रैश तक बहुत अधिक चलन में नहीं था।

२. हैशटैग्स : 1920 में अमेरिका में हैश का साइन वजन को पाउंड में नापने के लिए किया जाता था। यह पहली बार सार्वजनिक रूप से 1960के दशक में चलन में उस वक्त आया जब इसे टच टोन वाले फोन में प्रयोग किया गया। अब ट्विटर जैसे सोशल मीडिया में इसका अलग ही रूप में प्रयोग किया जा रहा है।

3 स्पॉ : यह शब्द मॉन्टी पायथन की ब्रिटिश कॉमेडी श्रंृखला फ्लाइंग सर्कस का अनूठा गिफ्ट है। 1970में प्रसारित प्रमुख एपिसोड में पहली बार स्पैम नाम के स्केच का प्रयोग किया गया था। हार्मेल फूड्स कार्पोरेशन 1937 से इस ब्रांड नेम का उपयोग कर रही है। डिजिटल मीडिया में किसी कंटेंट को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इस शब्द को 1980 में पुनर्जीवन मिला जब ऑन लाइन बहस को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग होना शुरू हुआ।

4. ट्रॉलिंग : इस शब्द को पुराने फ्रेंच वर्ब ट्रॉलर से जोड़ा जा सकता है। इसका अर्थ शिकार करते हुए भटकना होता है। अंग्रेजी में ट्रॉलिंग शब्द सन् 1600 के आस-पास चलन में आया। यह घूमते हुए किसी नदी या तालाब में मछली मारने के लिए प्रयोग उपयोग किया जाता था। इसी से ऑनलाइन ट्रॉलिंग का विचार आया।

5. एलओएल : यदि आप एलओएल टाइप करते हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि आप 'लाफिंग आउट लाउड' यानी खूब खुलकर हंस रहे हैं। मगर, यह आपके विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा देता है कि उसकी बात आपको खूब अच्छी लगी और आप खुलकर हंस रहे हैं। यह सुनने में भले ही आसान लगता है, लेकिन भाषाई बात-चीत में इसने क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। ऐसा इतिहास में पहली बार है कि लोग बातचीत को शब्दों या संकेतो में प्रयोग करने लगे हैं। 

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